499 साल बाद गुरु-शनि के दुर्लभ संयोग से घुलेंगे खुशियों के रंग
अमर उजाला नेटवर्क, बरेली Updated Fri, 06 Mar 2020 02:22 PM IST
प्रेम और हर्षोल्लास के पर्व होली पर अबकी बार ग्रह नक्षत्रों का कुछ ऐसा दुर्लभ संयोग बन रहा है, जो लोगों के जीवन में खुशियों के रंग घोलेगा। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक करीब 499 साल बाद इस साल होली के दिन गुरु और शनि अपनी-अपनी राशियों में रहेंगे। पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र और सिंह राशि में होलिका का दहन होगा। अबकी बार भद्रा की कोई बाधा नहीं रहेगी। नौ मार्च को होलिका दहन और दस मार्च को होली खेली जाएगी।
ज्योतिषाचार्य डॉ. सौरभ शंखधार के मुताबिक, 3 मार्च, 1521 के बाद इस वर्ष होली पर मकर राशि में शनि ग्रह और गुरु अपनी धनु राशि में रहेंगे, जिसके चलते 499 साल बाद होली पर यह शुभ संयोग रहेगा। बताया कि इस बार पूर्णिमा सोमवार को पड़ रही है। गुरु और शनि इस बार सूर्य के नक्षत्र में उतराषाढ़ा में रहेंगे।
पूर्णिमा सोमवार को पड़ने के कारण पूर्वा पर्व नक्षत्र के बाद उत्तरा पर्व नक्षत्र है। इसमें होलिका पड़ने से कार्य क्षेत्र में वृद्धि होगी, साथ ही सौम्य योग होने से किसानों के लिए होली अच्छी रहने के आसार हैं। बताया कि होलिका दहन के समय इस वर्ष भद्राकाल की बाधा नहीं रहेगी। फाल्गुन माह की पूर्णिमा यानी होलिका दहन के दिन भद्राकाल सुबह सूर्योदय से शुरू होकर दोपहर करीब डेढ़ बजे ही खत्म हो जाएगा। इस तरह शाम को प्रदोष काल में यानी शाम 6.22 से 8.49 बजे तक होलिका दहन किया जा सकेगा। पूर्णिमा तिथि रात 11 बजे तक रहेगी।
ध्वज, गजकेसरी योग का संयोग
ज्योतिषाचार्य शंखधार के अनुसार, सोमवार, चंद्रमा का दिन माना गया है। नौ मार्च को सोमवार और पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र से ध्वज योग रहेगा, जो सभी राशि के जातकों को यश/कीर्ति व विजय प्रदान करेगा। पूर्णिमा तिथि होने से चंद्रमा का प्रभाव रहेगा। स्वराशि स्थित गुरु की दृष्टि चंद्रमा पर रहेगी, इससे गजकेसरी योग का प्रभाव रहेगा। तिथि-नक्षत्र और ग्रहों की विशेष स्थिति में होलिका दहन पर रोग, शोक और दोष का नाश होगा।
ग्रहों की राशि संग युति भी शुभ
होली पर शुक्र मेष राशि में, मंगल और केतु धनु राशि में, राहु मिथुन में, सूर्य और बुध कुंभ राशि में, चंद्र सिंह में रहेगा। ग्रहों के इन योगों में होली आने से ये शुभ फल देने वाली रहेगी। इस प्रकार का यह योग देश में शांति स्थापित करवाने में सफल होगा। व्यापार के लिए हितकारी रहेगा और लोगों में टकराव समाप्त होगा।
होलिका शुभ मुहूर्त
दहन: शाम 6.22 बजे से रात 8.49 बजे तक
भद्रा पूंछ - सुबह 9.37 बजे से 10.38 बजे तक
भद्रा मुख - सुबह 10.38 बजे से दोपहर 12.19 बजे तक
पूर्णिमा तिथि - सुबह 3.03 बजे से रात 11.16 बजे तक
ज्योतिर्विद डॉ0 सौरभ शंखधार की डेस्क से...