कॅरोना वायरस ( उत्पत्ति तथा विस्तार )
राहु तथा मंगल का दृष्टि संबंध होने के कारण इस तरह का विषाणु फैला है, यहाँ राहु धुंए का आवरण है और मंगल की दृष्टि अंगारक योग का निर्माण करती है।
आने वाले 22 मार्च को पिछले 40 दिनों से राहु , केतु , बृहस्पति , मंगल ग्रहों के कारण बने अशुभ योग के कारण विभिन्न प्रकार से आई मुशीबत एवं कोरोना विषाणु के कारण दुनिया पर बरस रहे कहर के अब कम होने की शुरुआत हो जाएंगी ।
22 मार्च को मंगल धनु राशि से अपनी उच्च राशि मकर पर आ जायेगा एवं 30 मार्च को देव गुरु बृहस्पति अपनी नीच राशि मकर पर आ जायेंगे । शनि 24 जनवरी से ही अपनी राशि मकर पर है ।
अतः शनि , मंगल , बृहस्पति ग्रह का यह योग भी देश एवं दुनिया के लिए आने दिनों में कुछ दुर्घटनाओं एवं रोगों और कोरोना महामारी के चलने के संकेत दे रहे है । लेकिन 22 मार्च के बाद कोरोना वायरस का प्रभाव बहुत तेजी से कम होगा ।
वर्तमान योग में राहु एवं केतु बेहद तेजी से एवं लगातार इस रोग को बड़ा रहे है ।
22 मार्च के बाद कोरोना वायरस का कहर थम जायेगा । 22 मार्च को मंगल राहु से युति संबंध विच्छेद होने पर इसका असर कम होना शुरू होगा। जैसे जैसे सूर्य अपनी उच्चाभिलाषी होगा वैसे ही सरकार हर तरह से व्यवस्था बनाने में सक्षम होगी।
29 मार्च को नीच के गुरु की उच्च अवस्था मे दृष्टि पड़ने से सभी चीज़ों में सुधार आना शुरू हो जाएगा।
मकर के गुरु मकर के शनि के साथ मिलकर नीच भांग राजयोग बनाएगा जो कि कल्याणकारी सिद्ध होगा।
अप्रैल में जब शुक्र अपनी राशि वृष में सूर्य उच्च राशि मेष में, गुरु शनि नीच भंग राशि योग होने पर 28 अप्रैल के बाद स्थिति में सुधार आने के योग बनेंगे।
प्रमादी संवत्सर से आनंद संवत्सर में प्रवेश निश्चित ही शुभ होगा।
ज्योतिर्विद डॉ0 सौरभ शंखधार की डेस्क से...