ईश्वर की कृपा प्राप्त करने का सबसे सरल उपाय मौन साधना है । किसी भी तरह की मौन साधना में पदार्थो की आवश्यकता नहीं होती है।
ईश्वर की कृपा प्राप्त करने का सबसे सरल उपाय मौन साधना है । किसी भी तरह की मौन साधना में पदार्थो की आवश्यकता नहीं होती है।
ऐसे ऋतु परिवर्तन के समय ईश्वर के समीप बढ़ने से आत्मा के प्रति परमात्मा की जो सन्देश ध्वनियां आती हैं, उन्हें मन और वाणी से मौन होकर ही सुना जा सकता है।
नवरात्रि मुख्यतः साधना का महापर्व है और इन दिनों चुप रहकर, अंतर्मुखी होकर साधक परमात्मा के प्रकाश को ग्रहण कर सकता है। ईश्वरीय कृपा मौन रहने से मिलती है।
प्रत्यक्षम किम प्रमाणं के आधार पर स्वयं करके देख सकते हैं।
भगवती की साधना में जप तथा मौन साधना विशेष है जिसमे वाह्य इन्द्रियों के साथ अंतः इन्द्रियों का भी शुद्धिकरण हो जाता है जिससे पूरे वर्ष साधक आर्थिक, मानसिक तथा शारीरिक रूप से समृद्धि देखे गए हैं।
पूजा की विधि:
भगवती की पूजा में किसी वाह्य वस्तु की आवश्यकता ही नहीं। भगवती की फ़ोटो के सामने देसी घी का दिया जलाकर किसी कलश में चावल जौ डालकर उसके ऊपर दीपक रखकर भगवती को ध्यान के माध्यम से बुलाए।
पुष्प की जगह चावल का प्रयोग कीजिये, चुन्नी की जगह कलावा का प्रयोग होता है।
साधना के समय दिया जलता रहे तथा आंख बंद करके भगवती को ध्यान स्वरूप में सभी वस्तुए चढ़ाये।
कोई संशय न रखते हुए 10 माला दुर्गा जी के नवार्ण मंत्र (ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे :) की कीजिये आप खुद ही अनुभव कर लेंगे।
सामग्री में हवन में चीनी या बुरा का प्रयोग हो सकता है। पुष्प की जगह चावल का प्रयोग, चुन्नी की जगह कलावा तथा प्राण प्रतिष्ठा में देसी घी के दिये का प्रयोग किया जा सकता है।
ज्योतिर्विद डॉ0 सौरभ शंखधार की डेस्क से...