05 अप्रैल 2020 दीपोत्सव या दीपदान यज्ञ - (तमोगुण से सतोगुण लाने का एक प्रयोग)
दीपदान दीपोत्सव एक तरह का पर्व होता है। इस पर्व में लाखों दीपक जलाने का विधान है।
प्रकाश के माध्यम से निश्चित समय, निश्चित संख्या में दीपक को एक साथ जलाया जाता है इससे विश्व शांति के लिए भगवान से प्रार्थना की जाती हैं।
इस यज्ञ में दीपक संघर्ष का कारक होता है, तेल/घी चिकनाई / स्निग्घधता का तथा पात्र पात्रता का कारक होता है।
योग वशिष्ट के छठे सर्ग में *अज्ञान महात्म्य में सामूहिक चेतना (Collective counsiouscess) को बताया है। इसमे सूर्य को दीप के माध्यम से तमोगुण के नाश का वर्णन है।
क्वांटम भौतिकी सिद्धांत (Quantum physics principle) में यह बताया गया है की 5 % लोग जो सोचते हैं वह 95 % लोग वही करते हैं।
सामूहिक प्रार्थना को सामूहिक रूप से करने से सामूहिक रूप से शांति प्राप्त होगी ये शास्त्र विधान है, इसलिए ये आयोजन किया गया।
ज्योतिष के हिसाब से सूर्य का अपनी उच्च राशि मे अग्रसर होने के कारण ये प्रयोजन और दिव्य रूप लेता है। सूर्य की उच्चता उच्च के राहु का असर कम करके इस महामारी को न्यूनता के स्तर पर लाने में सक्षम होगा।
चन्द्रमा 5 अप्रैल 2020 में पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र सिंह राशि मे रहेगा और शनि उत्तराषाढ़ा नक्षत्र मकर राशि में रहेगा।
श्रीमद्भगवद्गीता में भगवान कृष्ण ने मन के पांचवे स्तर (ऋतंभरा प्रज्ञा) के माध्यम से इसे बताया है।
इसमें घी और तेल के दीए का ही महत्व है तथा इसके ना होने पर आप मोमबत्ती का प्रयोग कर सकते हैं क्योंकि हर पदार्थ की अपनी अलग गंध अपना अलग स्वरूप होता है।
घी का दीपक सतोगुण को बढ़ाने वाला तथा तेल का दीपक बीमारियों को नष्ट करने वाला तथा पाप ग्रह के अशुभ प्रभाव को रोकने में सक्षम होता है।
ज्योतिर्विद डॉ0 सौरभ शंखधार की डेस्क से...