× Home About Services Comming Event <%--Rates--%> Blog

गुप्त नवरात्रि : तंत्र मंत्र साधना के लिए विशेष 25 जनवरी 2020



हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, साल में कुल चार नवरात्रि पड़ती है, जिसमें से शारदीय और चैत्र नवरात्रि प्रमुख है। साल के पहले मास में पहली अर्थात चैत्र नवरात्रि, चौथे माह आषाढ़ में दूसरी गुप्त नवरात्रि, इसके बाद अश्विन मास में तीसरी प्रमुख आश्विन नवरात्रि और 11वें माह अर्थात माघ माह में गुप्त नवरात्रि पड़ती है।

दोनों गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा की सार्वजनिक पूजा उपासना नहीं की जाती। इन दोनों नवरात्रि में मां दुर्गा के अलावा भगवान शिव एवं माता पार्वती के अर्धनारीश्वर महाशक्ति रूप की गुप्त रूप से पूजा आराधना की जाती है , जिस प्रकार शारदीय और चैत्र नवरात्रि में देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है, उसी तरह गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्या की पूजा की जाती है।

गुप्त नवरात्रि के नौ दिनों में क्रमशः काली, तारा, षोडशी ( त्रिपुर सुंदरी ) भुवनेश्वरी, भैरवी, छिन्नमस्ता, धूमवाती, बंगलामुखी, मतंगी और लक्ष्मी देवी की उपासना की जाती है।

माघ मास की नवरात्रि को गुप्त नवरात्र कहते हैं, क्योंकि इसमें गुप्त रूप से शिव व महाशक्ति की उपासना की जाती है।

जबकि चैत्र और शारदीय नवरात्र में सार्वजनिक रूप में माता दुर्गा की उपासना की जाती है।

शास्त्रों में गुप्त नवरात्रि को विशेष रूप से गुप्त सिद्धियों को प्राप्त करने का साधना काल बताया गया है। इनका महत्व जानने वाले साधक गुप्त नवरात्रि में गुप्त रूप से विशेष साधना कर अनेक ऋद्धि सिद्धि प्राप्त करते हैं।

माघ गुप्त नवरात्रि:

इस बार माघ गुप्त नवरात्रि 25 जनवरी से शुरू होकर 04 फरवरी तक चलने वाला है।

माघ नवरात्रि के लिए घट स्थापना 25 जनवरी ( शनिवार ) को की जाएगी।

घट स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 09.48 बजे से लेकर 10. 47 बजे तक है।

इसके अलावा घट स्थापना के लिए अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:12 बजे से 12:55 बजे तक है।

साधना विशेष:

देवी की विशेष कृपा प्राप्ति के लिए नवार्ण मंत्र (ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे:) की 10 माला (रुद्राक्ष की माला) से जप करना शुभ रहेगा।

नवार्ण मंत्र के नौ अक्षरों में पहला अक्षर ऐं है, जो सूर्य ग्रह को नियंत्रित करता है। ऐं का संबंध दुर्गा की पहली शक्ति शैल पुत्री से है, जिसकी उपासना 'प्रथम नवरात्र' को की जाती है।

दूसरा अक्षर ह्रीं है, जो चंद्रमा ग्रह को नियंत्रित करता है। इसका संबंध दुर्गा की दूसरी शक्ति ब्रह्मचारिणी से है, जिसकी पूजा दूसरे नवरात्रि को होती है।

तीसरा अक्षर क्लीं है, चौथा अक्षर चा, पांचवां अक्षर मुं, छठा अक्षर डा, सातवां अक्षर यै, आठवां अक्षर वि तथा नौवा अक्षर चै है। जो क्रमशः मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु तथा केतु ग्रहों को नियंत्रित करता है।

इस प्रकार भगवती की साधना से मानव आर्थिक शारीरिक तथा मानसिक रूप से समर्थता प्राप्त करते हैं।

ज्योतिर्विद डॉ0 सौरभ शंखधार की डेस्क से...

January 08, 2020 Posted by:- डॉ0 सौरभ शंखधार ज्योतिर्विद (एम0 ए0, एम0 बी0 ए0, पी0 एच्0 डी0)

Similar Articles